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चुकंदर की खेती के लिए भूमि प्रबंधन, उन्नत किस्में व मृदा और जलवायु

चुकंदर की खेती के लिए भूमि प्रबंधन, उन्नत किस्में व मृदा और जलवायु

भारत के अंदर अधिकतर लोग चुकंदर खाना काफी पसंद करते हैं। किसी को चुकंदर सलाद के रूप में तो किसी को जूस के रूप में चुकंदर काफी अच्छा लगता है। 

हालांकि, बहुत सारे लोग इसका जूस पीना भी काफी पसंद करते हैं। बतादें, कि चुकंदर में पोटेशियम, विटामिन सी, फोलेट, विटामिन बी9, मैंगनीज और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। 

इसका सेवन करने से शरीर में रक्त की कमी नहीं होती है। यही कारण है, कि इसकी बाजार में मांग सदैव बरकरार बनी रहती है। अब ऐसे में यदि किसान भाई चुकंदर की खेती करते हैं, तो उनको एक शानदार और अच्छी कमाई आसानी से प्राप्त हो सकती है।

मुख्य बात यह है, कि चुकंदर औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इस वजह से इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार में भी किया जाता है। साथ ही, इससे बहुत प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियां भी तैयार की जाती हैं। 

बाजार में इसका भाव हमेशा 30 से 40 रुपये किलो तक रहता है। अब ऐसी स्थिति में यदि किसान भाई चुकंदर की खेती करने की योजना बना रहे हैं, तो उनके लिए यह काफी अच्छी खबर है। यदि वैज्ञानिक विधि के माध्यम से चुकंदर की खेती की जाए, तो किसानों को बंपर पैदावार मिलेगी।

चुकंदर की सबसे लोकप्रिय व उन्नत किस्में कौन-सी हैं ?

बलुई दोमट मृदा में चुकंदर की खेती करने पर काफी बेहतरीन उपज मिलती है। इसकी खेती के लिए मृदा का पीएच मान 6 से 7 के मध्य उचित माना गया है। 

वहीं, गर्मी, बारिश और सर्दी किसी भी मौसम में इसकी आसानी से खेती की जा सकती है। यदि किसान भाई गर्मी के मौसम में चुकंदर की खेती करने की योजना बना रहे हैं, तो सर्वप्रथम अच्छी और बेहतरीन किस्मों का चयन करें। 

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अर्ली वंडर, मिस्त्र की क्रॉस्बी, डेट्रॉइट डार्क रेड, क्रिमसन ग्लोब, रूबी रानी, रोमनस्काया और एमएसएच 102 चुकंदर की सबसे लोकप्रिय किस्में हैं। इन किस्मों की खेती करने पर किसान को बंपर पैदावार हांसिल होती है। 

चुकंदर की बुवाई एवं भूमि प्रबंधन इस तरह करें 

चुकंदर की बुवाई करने से पूर्व खेत की कई बार जुताई की जाती है। उसके बाद 4 टन प्रति एकड़ की दर से खेत में गोबर की खाद डालें और पाटा लगाकर जमीन को एकसार कर दें। अब इसके बाद क्यारी बनाकर चुकंदर की बुवाई करें।

विशेष बात यह है, कि छिटकवां और मेड़ विधि से चकुंदर की बुवाई की जाती है। अगर आप छिटकवां विधि से चुकंदर की बुवाई कर रहे हैं, तो आपको एक एकड़ में 4 किलो बीज की आवश्यकता पड़ेगी। 

वहीं, यदि आप मेड़ विधि से बुवाई करते हैं तो किसान को कम बीज की आवश्यकता पड़ती है। मेड़ विधि में पहले 10 इंच ऊंची मेड़ बनाई जाती है। अब इसके बाद मेड़ पर 3-3 इंच की दूर पर बीजों को बोया जाता है। 

बुवाई के कितने दिन बाद फसल पूर्णतय तैयार हो जाती है ?

बतादें, कि चुकंदर एक कंदवर्गीय श्रेणी में आने वाली फसल है। इसलिए समय-समय पर इसकी निराई- गुड़ाई की जाती है। साथ ही, आवश्यकता के अनुरूप सिंचाई भी करनी पड़ती है। 

बुवाई करने के 120 दिन पश्चात फसल पककर तैयार हो जाती है। अगर आपने एक हेक्टेयर में खेती कर रखी है, तो 300 क्विंटल तक उपज मिलेगी। यदि 30 रुपये किलो के हिसाब से चुकंदर बेचते हैं, तो इससे आसानी से लाखों रुपये की आय होगी।

जानें चुकंदर कैसे पोषक तत्वों से भरपूर और स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद है ?

जानें चुकंदर कैसे पोषक तत्वों से भरपूर और स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद है ?

चुकंदर में बहुत सारे न्यूट्रिशनल गुण पाए जाते है , जो की स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते है। चुकंदर का वैज्ञानिक नाम वल्गेरिस है। चुकंदर एक जड़ वाली सब्जी होती है , इसका उत्पादन बहुत से देशो में किया जाता है। 

चुकंदर में उपस्तिथ एक्टिव कंपाउंड स्वास्थ्य को लाभ प्रदान करते है , इसी कारन इसे फंक्शनल फ़ूड भी कहा  जाता है। बहुत से लोगो द्वारा इसे कच्चा खाया जाता है , सलाद और अन्य सब्जियों में भी इसका प्रयोग किया जाता है।  

हृदय रोगो में है लाभकारी 

चुकंदर हृदय से जुड़े रोगो के लिए लाभकारी है। हाइपरटेंशन बीमारी की वजह से रक्त वाहिकाएँ प्रभावित होती है ,जिससे दिल के दोहरे पड़ने और साँस रुकने की समस्या बढ़ जाती है। 

चुकंदर शरीर के अंदर रक्त के प्रवाह को बनाये रखती है , साथ ही ब्लड प्रेशर और कैलेस्ट्रोल की समस्याओ को भी दूर करती है। हृदय रोगो से जुडी कोई भी समस्या के लिए, चुकंदर का उपयोग डॉक्टर की परामर्श लेकर करें। 

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दिमाग को स्वस्थ बनाये रखता है 

शरीर में अच्छे से ब्लड सर्कुलेट ना होने की वजह से बहुत से परेशानिया हो सकती है जैसे : अच्छे से कोई चीज याद न रहना ,तर्क बिगड़ना और अन्य कई परेशानिया हो सकती है। 

चुकंदर खाने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा बना रहता है। दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से न होने की वजह से लोगो में ब्रेन डैमेज की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। 

दिमाग से जुडी समस्याओ में राहत पाने के लिए लोगो द्वारा चुकंदर के जूस या चुकंदर को साबुत भी खाया जा सकता है। 

इंफ्लेमेशन जैसी समस्याओ में है लाभकारी 

चुकंदर इन्फ्लेमेशन जैसी समस्याओ में भी सहायक रहता है ,यह सूजन साथ ही इन्फेक्शन जैसी समस्याओ में राहत देती है। इन्फ्लेमेशन के प्रभाव से इससे प्रभावित जगह लाल पड जाती है और दर्द होना शुरू हो जाता है। 

यदि शरीर में कही  भी सूजन हो तो उससे राहत पाने के लिए चुकंदर का उपयोग किया जा सकता है। यदि आप पहले से इस बीमारी से सम्बंधित कोई दवा ले रहे है , तो चुकंदर का उपयोग डॉक्टर के परामर्श द्वारा ही करें। 

थकावट को दूर करने में उपयोगी 

चुकंदर का उपयोग थकावट को दूर करने के लिए भी किया जाता है। शरीर में होने वाले दर्द या स्ट्रेस को दूर करने के लिए लोगो द्वारा चुकंदर का सेवन किया जाता है। 

शरीर में थकावट होना, ज्यादा व्यायाम करने की वजह से शरीर में होने वाला दर्द, इन्फेक्शन या गर्मियों में शरीर में पानी की कमी से आने वाली कमजोरी, को भी कम करता है। 

चुकंदर में  एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जो वाहिकाओं में स्ट्रेस की वजह से आने वाली परेशानियों को कम करता है।  

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कैंसर जैसे रोग में है सहायक 

चुकंदर में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जो की कैंसर जैसी बीमारियों में राहत देते है। चुकंदर में उपस्तिथ गुण कैंसर के विकास की रोकथाम करने में सहायक होते है। 

कैंसर के रोगियों में अनिद्रा, थकान और कई गंम्भीर समस्याएँ देखने को मिलती है। स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले कार्यात्मक भोजन के लिए चुकंदर का प्रयोग किया जाता है। 

चुकंदर में मौजूद पोषक तत्व कैंसर के रोगियों को लाभ प्रदान करते है, और स्वास्थ से जुडी  परेशानियों को भी कम करते है। 

खून की कमी को दूर करता है 

जिन व्यक्तियों के अंदर खून की कमी होती है, उन्हें चुकंदर खाने की सलाह दी जाती है। चुकंदर के अंदर भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है, जो की शरीर के अंदर खून की कमी को पूरा करने में सहायक रहता  है। 

चुकंदर अनीमिया की बीमारी में भी राहत प्रदान करता है। शरीर के अंदर खून की कमी को पूरा करने के लिए चुकंदर का उपयोग किया जाता है। चुकंदर को कच्चा भी  खाया जा सकता है, इसका उपयोग सब्जी में, सलाद में या फिर जूस के रूप में भी किया जा सकता है।

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पाचन शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है 

चुकंदर को रोजाना सुबह खाली पेट खाने से पाचन किर्या स्वस्थ बनी रहती है। चुकंदर का उपयोग खाने के वक्त सलाद के रूप में भी कर सकते है। चुकंदर में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन सम्बन्धी किर्यो में सहायक रहता है। 

रोजाना चुकंदर का सेवन करने से पेट में कब्ज और गैस जैसी समस्याओ में राहत मिलती है। पाचन किर्या को स्वस्थ बनाये रखने के लिए रोजाना चुकंदर के जूस का सेवन करना लाभकारी माना जाता है।

त्वचा के निखार के लिए है फायदेमंद 

चुकंदर का उपयोग त्वचा के निखार के लिए फायदेमंद होता है। चुकंदर के रस का उपयोग चेहरे पर रोजाना करने से , होने वाले कील और मुहासे में फायदा होता है। 

चुकंदर में भरपूर मात्रा में फोलेट और फाइबर पाया जाता है , जो त्वचा के निखार के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है।  चुकंदर को डाइट का हिस्सा भी बनाया जा सकता है। 

चुकंदर में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते है ,जो स्वास्थ के लिए बेहद लाभकारी होते है। चुकंदर का उपयोग मेमोरी पावर को भी बढ़ाने के लिए किया जाता है। 

साथ ही चुकंदर में कार्बोहायड्रेट भी पाया जाता है, जो शरीर के अंदर एनर्जी लेवल को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके साथ ही दिल से जुडी समस्याओ को कम करने के लिए भी चुकंदर का उपयोग किया जाता है, चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट खून के दवाब को कम करने में उपयोगी होता है।